Thursday 30 March 2017

माँ के इस मंदिर में तेल या घी से नहीं बल्कि पानी से जलता है दिया !

 
 

  नमस्कार दोस्तों स्वागत है , आपका वास्तु शास्त्र में । दोस्तो आपने माता जी के चमत्कारों के बारे में तो सुना ही होगा और कई देखें भी होगे लेकिन जो आज हम आपको बताने जा रहे हैं वह शायद आपने नहीं देखा होगा तो आइए ।

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कालीसिंध नदी के किनारे नलखेड़ गांव से लगभग 15 किलोमीटर दूर गड़िया गांव के पास गड़ियाघाट वाली माता जी के नाम से प्रसिद्ध है। लोग यहां होने वाले चमत्कार को देखकर श्रद्धा से शीश झुकाते हैं। इस मंदिर में घी से नहीं अपितु पानी से दीपक जलाया जाता है। दीपक में पानी डालने से यह किसी तरल पदार्थ की तरह चिपचिपा हो जाता है जिस कारण यह लगातार जलता रहता है। माता जी के इस अद्भुत चमत्कार को देखने के लिए श्रद्धालु दूर-दूर से आते हैं।



चमत्कार का इतिहास एवं राज

कहा जाता है कि पहले मंदिर में दीपक घी से जलाया जाता था परंतु लगभग 5 वर्ष पूर्व माता जी ने मंदिर के पुजारी को सपने में दर्शन देकर कहा कि पानी से दीपक जलाया जाए।

उन्होंने जब सुबह पानी से दीपक जलाया तो वह प्रज्वलित हो गया। तभी से आज तक कालीसिंध नदी के जल से दीपक प्रज्वलित किया जाता है।


विशेष तथ्य

बरसात के मौसम में यह दीपक नहीं जलता क्योंकि उस समय पानी का स्तर बढ़ने के कारण मंदिर जलमग्न हो जाता है। जिसके कारण यहां पूजा नहीं होती। शारदीय नवरात्रि के पहले दिन अर्थात पड़वा से पुन: ज्योत प्रज्वलित की जाती है। जो अगली बरसात तक लगातार प्रज्वलित रहती है।

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